09 अगस्त के प्रदर्शनों की तैयारी में जुटी सीटू , बैठकों का दौर जारी।
केंद्र की मोदी सरकार की मजदूर, कर्मचारी व जनता विरोधी नीतियों के खिलाफ केंद्रीय ट्रेड यूनियनों व राष्ट्रीय फेडरेशनों के 9 अगस्त के प्रदर्शनों की तैयारी को लेकर सीटू की शिमला समन्वय समिति की बैठक समिति के संयोजक बालक राम की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में रमाकांत मिश्रा, हिमी देवी, वीरेंद्र लाल, दलीप सिंह, पूर्ण चंद, नोख राम, सीता राम, चन्दो देवी, सीता देवी, निर्मला, अमित, प्रेम, अंजू, सरीना, निशा, विद्या देवी आदि मौजूद रहे। बैठक को सम्बोधित करते हुए बालक राम, रमाकांत मिश्रा व हिमी देवी ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार की नवउदारवादी व पूंजीपति परस्त नीतियों के खिलाफ 9 अगस्त को शिमला के डीसी ऑफिस पर प्रदर्शन किया जाएगा। इन नीतियों के कारण बेरोजगारी, गरीबी, असमानता व रोजी रोटी का संकट बढ़ रहा है। जनता की अपनी अवश्यकताओं की पूर्ति के लिए खर्च करने की क्षमता घट रही है। बेरोजगारी व महंगाई से गरीबी व भुखमरी बढ़ रही है। जनता को बाजार से महंगा राशन लेने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। सार्वजनिक वितरण प्रणाली को कमज़ोर करने के कारण बढ़ती मंहगाई ने जनता की कमर तोड़ कर रख दी है। पेट्रोल, डीज़ल, रसोई गैस, खाद्य वस्तुओं के दामों में भारी वृद्धि हो रही है।
मजदूर नेताओं ने कहा कि आज संघर्ष केवल आजीविका और काम करने की स्थिति की तत्काल मांगों के लिए नहीं है बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए है, हमारे समाज के धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक चरित्र को इस सांप्रदायिक और निरंकुश भाजपा-आरएसएस शासन से बचाने के लिए भी है। उन्होंने देश भर के मजदूरों व कर्मचारियों से आह्वान किया कि वे अपनी जायज मांगों के लिए एकजुट होकर संघर्ष करें और भाजपा-आरएसएस के नवउदारवादी, साम्प्रदायिक और निरंकुश शासन पर रोक लगाएं।
उन्होंने *न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये प्रति माह और सभी श्रमिकों को पेंशन सुनिश्चित करने; मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताओं और बिजली संशोधन विधेयक को निरस्त करने, कॉन्ट्रेक्ट, पार्ट टाइम, मल्टी पर्पज, मल्टी टास्क, टेम्परेरी, कैज़ुअल, फिक्स टर्म, ठेकेदारी प्रथा व आउटसोर्स प्रणाली पर रोक लगाकर इन सभी मजदूरों को नियमित करने, शहरी क्षेत्रों में विस्तार के साथ मनरेगा के तहत 600 रुपये प्रति दिन की मजदूरी पर 200 कार्य दिवस प्रदान करने, मनरेगा, निर्माण तथा बीआरओ मजदूरों का श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकरण व आर्थिक लाभ बहाल करने की मांग की। उन्होंने सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण व विनिवेश को रोकने, नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन व अग्निपथ योजना को खत्म करने, महंगाई को रोकने और डिपुओं में राशन प्रणाली को मजबूत कर उसे सार्वभौमिक बनाने, आंगनबाड़ी, मिड डे मील, आशा वर्करज़ सहित सभी योजना कर्मियों को नियमित करने, बिजली बोर्ड, अन्य बोर्डों व निगमों के कर्मचारियों के लिए ओपीएस लागू करने, बीआरओ का निजीकरण रोकने व बीआरओ मजदूरों को नियमित करने, तयबजारी के लिए स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट लागू करने, मोटर व्हीकल एक्ट में मजदूर व मालिक विरोधी बदलाव वापिस लेने की मांग की।*
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें