अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर शिमला में वाम संगठनों का सांझा प्रदर्शन

प्रैस विज्ञाप्ति
     जनवादी महिला समिति , एस, एफ़,आई,सी ,आई,टी,यु,किसान सभा  तथा डी ,वाई ,एफ़, आई ने आज साँझे तौर पर महिला दिवस मनाया।  महिला दिवस दुनिया भर में समानता , न्याय और महिलाओ के लिये शोषण, हिसा,भेदभाव मुक्त जीबन के  संघर्ष को दोहराने के लिये मानाया जाता है यह दिवस बर्ग शोषण के खिलाफ और राजनीतिक अधिकारों के लिये महिलाओ के संघर्ष से उभर हुआ है । जर्मन क्रांतिकारी क्लारा जेटकिन। ने सन 1910 में कोपेनहेगन में आयोजित  अन्तराष्ट्रीय समाजवादी महिला सम्मेलन इस दिवस का प्रस्ताब रखा  की 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस  के रूप में मान्य जाय । इस अवसर पर  सभी  संगठनो ने  एक रोष  रैली को भी आयेजित किया। सभी संगठनों ने  रैली के माध्यम से अपनी मांगों को उठाया और सरकार को जिलाधीश के माध्यम से एक ज्ञापन भी  दिया  जिसकी प्रतिलिपी  देश के प्रधानमंत्री को भी भेजी गई है । इस दिवस का नारा था *समानता के लिये एकजूट संघर्ष* 
प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए जनवादी महिला समिति की राज्य सचिव फालमा चौहान ने कहा कि अंतराष्ट्रीय महिला दिवस दुनिया भर की  मेनहतकश महिलाओं के संघर्षों को याद करने और भविष्य की  चुनौतियों को स्वीकार करते हुये एकजुट होकर संघर्षों को आगे ले जाने का दिन है यह दिन अपने आप मे  संघर्षों का प्रतीक है। महिलाओ के ऊपर हिंसा ,बलात्कार और अपराध आज दिन प्रतिदिन बाद रहे है आज के संदर्भ में हम देखते है कि सरकारों द्वारा महंगाई और बेरोजगारी बढ़ाने बाली नीतियों को तेजी से लागू किया जा रहा है  देश के धनपतियों को फायदा पंहूचने के लिये आज अमीर और गरीब की खाई को और  गहरा कर दिया है हाल के बजट में सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार देने बाली गारन्टी के बजट में भी कटौती कर दी है।महिला समिति शहरों में भी महिला को रोजगार देने बाली योजना को शुरू करने की मांग भी कर रही लेकिन दरकार इसमे संवेदनशील नही है।अगर हम आज के सन्दर्भ में देखे तो जहां बढ़ती महँगाई, बेरोजगारी,ने जनता को बद से बदतर कर दिया है।
 सार्वजनिक सेवाओँ  से जिसमे, शिक्षा ,स्वास्थ्य, बिजली पानी,परिवहन   तथा खाद्य सुरक्षा से अपने हाथ पीछे खींच दिए है  जो हमे हाल के बजट में देखने को मिला है।
सीआईटीयू की योजनकर्मियो की राज्य  सचिव हिमी ठाकुर ने कहा कि  केन्द्र सरकार लगातार मजदूर विरोधी नीतियाँ अपना रही है 44 श्रम कानूनों को 4 सिविल कोड बनाकर  मजदूरों का लगातार शोषण किया जा रहा है। योजनकर्मियो को  जिसमे सबसे ज्यादा महिलाएं काम करती है उनको कर्मचारी का दर्जा तक भी नही दिया जा रहा है।
एसएफआई की   छात्रा राज्य उपसमिति की नेता  सरिता राणा ने कहा कि आज लड़कियों को नाइ शिक्षा नीति के माध्यम से लड़कियों कोशिक्षा से  वंचित किया जा रहा है    उन्होंने सरकार से शिक्षण संस्थानों में लिंग संवेदनशील कमेटियों के गठन पर और सक्रिय रूप से चलने के ऊपर बल दिया।
किसान सभा के राज्य कमेटी सदस्य सत्यवान पुंडीर ने कहा कि आज किसान आत्महत्या कर रहा है और महिलाओ को किसान का दर्जा भी नही दिया जाता है और आअज किसान कर्ज के के नीचे दबा हुआ है उसे उसकी फसल का उचित दाम भीनही मिल रहा है 
जनवादी नौजवान सभा के राज्य मीडिया प्रभारी अमित ने कहा कि सरकार लगातार युबाओ को नौकरी के नाम पर ठग रही है आज प्रदेश में बेरोजगारो की  कतारें लंबी हो गई है
जिसे प्रदेश का युबा आज नशे की और  आकर्षित हो रहे  है।
प्रदर्शन को अधिवक्ता भर्ती मेहता ने बी संबोधित किया उन्होंने कहा कि महिलाएं आज सम्मान की जिंदगी नही जी रही है वह इस पुरुषप्रधान समाज मे एक बेटी , बहु,पत्नी माँ आदि की भूमिका निभाते हुये अपना जीवन बिताती है लेकिन उसको अपनी सामाजिक लड़ाई में अपने आप ही खड़ा रहना पड़ता है।प्रदर्शन मेंजन आदि महिला समिति राज्य अध्यक्ष रीना सिंह, राज्य कोषाध्यक्ष सोनिया शुबरवाल ,जिला अध्यक्ष सीमा चौहान, एस एफ़ आई  के राज्य अध्यक्ष रमन, राज्य सचिव, अमित ठाकुर,सीआईटीयू के राज्याध्यक्ष विजेन्द्र मेहरा, दलित शोषण मुक्ति मंच से जगत राम किसान सभा से राज्य अध्यक्ष डॉ कुलदीप सिंह तंवर तथा सत्यवान पुंडीर,  तथा बाकी नेताओ ने इसमें भाग लिया।
जनवादी महिला समिति  एस एफआई
  फालमा/सोनिया।       सरिता/अमित

सीआईटीयू।        किसान सभा
 हिमी ठाकुर।        सत्यवान
डी वाईएफआई
अमित

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