शिमला में पेयजल की दरों में बढ़ोतरी का सीपीआईएम ने जताया विरोध
*प्रेस नोट*
दिनांक 28/1/23
C P I M लोकल कमेटी शिमला ने शिमला में पानी की दरों में 10% बढ़ोतरी करने का कड़ा विरोध किया है। सीपीआईएम लोकल कमेटी सचिव जगत राम ने बताया कि जनता पहले ही महंगाई की मार झेल रही है ऐसे में पानी की दरों में बढ़ोतरी करके जनता की जेब पर अतिरिक्त बोझ डालना पूरी तरह जनता के साथ गैर इंसाफी है सरकार व जल प्रबंधन कंपनी द्वारा तर्क दिया जा रहा है कि विश्व बैंक प्रोजेक्ट की शर्तों के अनुसार हर साल पानी की दरों में 10% की बढ़ोतरी करना जरूरी है पार्टी ने सरकार व नगर निगम से मांग की है कि किसी भी प्रोजेक्ट में ऐसी शर्तें तय ना की जाए जो जनता के खिलाफ हो या जनता के हितों पर कुठाराघात करती हो।विश्व बैंक प्रोजेक्ट के साथ प्रतिवर्ष 10% पानी की दरों में बढ़ोतरी की शर्तों को निरस्त किया जाए ताकि शिमला शहर की जनता को राहत प्रदान की जा सके पिछली सरकार ने प्रदेश में गांव में पानी के बिलों को माफ किया गया था। दूसरी तरफ शिमला में पानी के बिलों में हर वर्ष 10% की बढ़ोतरी करना शिमला की जनता के साथ पूरी तरह अन्याय है शिमला शहर में लंबे समय से पानी की सुचारू सप्लाई देने में नगर निगम व सरकार पूरी तरह असफल रही है जब पानी की नियमित सप्लाई नहीं दी जा सकती तो पानी के दरों में बढ़ोतरी क्यों की जा रही है शिमला जल प्रबंधन कंपनी द्वारा 30% सीवरेज सेस भी वसूला जा रहा है सीपीआईएम लोकल कमेटी शिमला ने मांग की है कि प्रदेश के गांव की तर्ज पर शिमला शहर में भी पानी के बिलों को माफ किया जाए। शिमला में पानी की सप्लाई का काम नगर निगम द्वारा किया जाए जल प्रबंधन कंपनी के साथ किए समझौते को रद्द किया जाए। पानी और सीवरेज सेस में की गई बढ़ोतरी को वापस लिया जाए। शिमला में पानी की सप्लाई को नियमित किया जाए ।यदि सरकार ने इस जनविरोधी फैसले को वापस नहीं लिया तो सीपीआईएम इसके खिलाफ आंदोलन करने को मजबूर होगी।
जगत राम
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