धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक 2022 के खिलाफ शिमला में सड़कों पर उतरे दलित संगठन, उपायुक्त कार्यालय शिमला से राजभवन तक निकाली रैली
प्रेस नोट
20- 9-2022
दलित शोषण मुक्ति मंच व अन्य सभी दलित संगठनो द्वारा आज शिमला में धार्मिक स्वतंत्रता (संशोधन)विधेयक 2022 के खिलाफ जबर्दस्त प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में हजारों लोगों ने भाग लिया । जिला धीश कार्यलय से लोवर बाजार होते जलूस गवर्नर हाउस पहुंचा। गवर्नर हाउस में प्रदर्शन कीया गया।दलित शोषण मुक्ति मंच के राज्य सयोजक जगत राम ने बताया कि सरकार ने दलितों को गुलाम बनाने की नीयत से यह बिल लाया है इस बिल से दलितों के अधिकारों का हनन होगा यह बिल दलितों के संविधानिक स्वतन्त्रता पर जबर्दस्त हमला है।पहले ही सरकार दलितों को मिलने वाले आरक्षण को खत्म कर रही है अब इस बिल को लाकर मनुवादी एजेण्डे को लागू करके और अधिक शोषण करना चाहती है सरकार के इस बिल का पूरे प्रदेश का दलित समुदाय डट कर विरोध करेगा। प्रदर्शन में सीपीएम विधायक राकेश सिंगा , मीर सुख आनंद, अमर भटिया, आशीष आदि नेताओं ने संबोधित किया। बाद में राज्य पाल महोदय को ज्ञापन दिया गया जिसमें मांग की गई कि धार्मिक स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2022 को तुरंत प्रभाव से निरस्त किया जाए। सरकार की सभी प्रकार की भर्तियों में आरक्षण लागू किया जाए। छुआछुट व सामाजिक भेद भाव को समाप्त करने के लिये कठोर कदम उठाए जाए। दलितों के संविधानिक अधिकारों को सुरक्षित रखा जाए। गिरी पर को जनजाति का दर्जा देने पर दलितों के अधिकारों को सुरक्षित रखा जाए। यदि सरकार ने मांगो को नहीं माना तो प्रदेश का दलित समुदाय इसके खिलाफ जबर्दस्त आंदोलन करेगा।
जगत राम
संयोजक
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