OPS कर्मचारियों के आंदोलन के समर्थन में उतरी सीटू मज़दूरों से शिमला चलो का आह्वान

सीटू राज्य कमेटी हिमाचल प्रदेश ने एनपीएसईए द्वारा ओपीएस की मांग को लेकर 13 अगस्त को शिमला में की जाने वाली विशाल ऐतिहासिक रैली का पुरज़ोर समर्थन किया है व ऐलान किया है कि कर्मचारियों के आंदोलन में प्रदेश का मजदूर वर्ग चट्टान की तरह साथ खड़ा है। सीटू ने प्रदेश सरकार से राजस्थान व छतीसगढ़ की तर्ज़ पर अविलम्ब ओपीएस बहाली की मांग की है।

सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने हिमाचल प्रदेश सरकार से ओपीएस को वर्तमान मानसून सत्र में ही बहाल करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि सामाजिक सुरक्षा सबका सार्वभौमिक अधिकार है। तीस से चालीस वर्ष नौकरी करने के बाद कर्मचारियों को पेंशन से वंचित करना प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ है। कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद तीन हज़ार रुपये से भी कम पेंशन देना उनके साथ क्रूर मज़ाक है। एक विधायक व सांसद एक दिन भी चुने जाने के बाद पेंशन का हकदार बन जाता है परन्तु ताउम्र सरकारी सेवाएं देने वाले कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद रामभरोसे हैं। यह उनके साथ घोर अन्याय है। वर्ष 2003 के बाद लाई गयी नई पेंशन नीति पूर्णतः कर्मचारी विरोधी है। कर्मचारी पिछले बीस वर्षों से ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करने की मांग कर रहे हैं परन्तु हिमाचल प्रदेश सरकार लगातार कर्मचारी विरोधी रवैया अपने हुए है। ओपीएस के न होने से लाखों कर्मचारियों का भविष्य अधर में लटक रहा है। पिछले बजट सत्र में अपनी मांग को संवैधानिक दायरे में उठाने के बावजूद भी कर्मचारियों की मांग को मानना तो दूर बल्कि कर्मचारी नेताओं का निर्मम दमन किया गया। उनके तबादले किये गए। उनपर झूठे मुकद्दमे दर्ज़ किये गए। उन्हें डराया - धमकाया गया। यह लोकतंत्र विरोधी कार्य था। उन्होंने मांग की है कि सरकार को कर्मचारियों की मांग को मानते हुए तुरन्त ओपीएस बहाली की घोषणा करनी चाहिए ताकि कर्मचारियों के परिवारों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाया जा सके। उन्होंने चेताया है कि अगर पिछली बार की तरह कर्मचारियों का दमन किया गया तो मजदूर वर्ग सड़कों पर आकर तीखा प्रतिरोध करेगा।

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