ऑकलैंड हाऊस स्कूल का मनमानी फीस जमा न करवाने पर अभिभावकों को प्रताड़ित करना निंदनीय-छात्र अभिभावक मंच
छात्र अभिभावक मंच हिमाचल प्रदेश ने शिमला के ऑकलैंड हाउस स्कूल द्वारा मनमानी फीस जमा न करने पर अभिभावकों व छात्रों पर मानसिक दबाव बनाने के कदम को अमानवीय करार दिया है। मंच ने मनमानी फीसें जमा न करने वाले अभिभावकों के बच्चों के यूनिट थ्री परीक्षाओं की मार्क्सशीट व रिपोर्ट कार्ड न देने के घटनाक्रम की कड़ी निंदा की है। मंच ने इसे तानाशाही व शैक्षणिक अराजकता करार दिया है। मंच ने शिक्षा विभाग व प्रशासन से ऑकलैंड स्कूल प्रबंधन पर कानूनी कार्रवाई अमल में लाने की मांग की है। मंच ने चेताया है कि अगर इस प्रताड़ना के खिलाफ दो दिन के भीतर कार्रवाई न हुई तो मंच के पदाधिकारी उच्चतर शिक्षा निदेशालय में अनशन पर बैठ जाएंगे।
मंच के संयोजक व ऑकलैंड हाउस स्कूल पीटीए के सदस्य विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि शीतकालीन सत्र के नवम्बर महीने में प्रस्तावित वार्षिक परीक्षाओं के बिल्कुल पहले ऑकलैंड हाउस स्कूल प्रबंधन द्वारा मनमानी फीस जमा करने के लिए अभिभावकों व छात्रों पर भारी दबाव बनाया जा रहा है। अभिभावकों को मोबाइल संदेशों के माध्यम से व छात्रों को कक्षाओं में मनमानी फीस जमा करने के लिए कहा जा रहा है। जिन अभिभावकों ने पांच दिसम्बर 2019 की अधिसूचना के विपरीत मनमानी भारी फीस जमा नहीं की है,उन के बच्चों को यूनिट थ्री की परीक्षाओं के रिज़ल्ट कार्ड,मार्क्सशीट व रिपोर्ट कार्ड नहीं दिए जा रहे हैं। अभिभावकों को 23 अक्तूबर को यूनिट तीन परीक्षाओं के रिपोर्ट कार्ड लेने के लिए स्कूल में आमंत्रित किया गया था परन्तु शिक्षा विभाग की वर्ष 2019 की तर्ज़ पर केवल टयूशन फीस जमा करने की अधिसूचना के अनुसार फीस जमा करने वाले अभिभावकों को रिपोर्ट कार्ड देने से साफ मना कर दिया गया व उन्हें स्कूल द्वारा तय मनमानी फीस जमा करने पर ही रिपोर्ट कार्ड देने की बात कहकर स्कूल से जाने के लिए कह दिया गया। यह मानसिक प्रताड़ना है।
विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि स्कूल प्रबंधन ने पिछले दो वर्षों में कोरोना काल में अभिभावकों की कोई आम सभा नहीं की है व इसके बावजूद हज़ारों रुपये की फीस बढ़ोतरी कर दी है। पिछले दो वर्षों में कोरोना काल में स्कूल नहीं चले हैं फिर ऑकलैंड हाउस स्कूल किस बात के स्मार्ट क्लास रूम,कम्प्यूटर,मिसलेनियस,एनुअल व अन्य चार्जेज़ मांग रहा है। स्कूल सरेआम शिक्षा विभाग की 5 दिसम्बर 2019 की अधिसूचना की अवहेलना कर रहा है। हैरानी की बात यह है कि अभिभावकों ने जो टयूशन फीस जमा भी कर दी है,स्कूल प्रबंधन मोबाइल संदेशों के माध्यम से उसे दोबारा मांग रहा है। उन्होंने स्कूल प्रबंधन की इस कार्यप्रणाली को अकादमिक निरंकुशता करार दिया है। उन्होंने कहा है कि ऑकलैंड हाउस स्कूल के इस तरह कर क्रियाकलाप शिक्षा विभाग की विभिन्न अधिसूचनाओं के खिलाफ हैं व इस पर तुरन्त रोक लगनी चाहिए। बच्चों को मनमानी फीस जमा न करने पर रिपोर्ट कार्ड न देना अक्षम्य अपराध है। इस से बच्चों की मानसिक प्रताड़ना होती है। यह शिक्षा का अधिकार कानून 2009 के तहत प्राप्त सार्वभौमिक शिक्षा के अधिकार का भी खुला उल्लंघन है। यह मानव संसाधन विकास अथवा शिक्षा मंत्रालय के वर्ष 2014 के दिशानिर्देशों व हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के 27 अप्रैल 2016 के आदेशों का उल्लंघन है जिसके अनुसार किसी भी तरह के चार्जेज छात्रों से नहीं वसूले जा सकते हैं।
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