गैस की बढ़ती कीमतों व मंहगाई को काबू करे सरकार- CPI(M)लोकल कमेटी शिमला

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी ( मार्क्सवादी) सरकार द्वारा गैस के दामों में की गई वृद्धि की कड़े शब्दो में निंदा करती है।
  सरकार ने कोरोना काल में उपजी भारी बेरोज़गारी व गरीबी में जनता पर भारी महंगाई थोप दी।
एक तरफ लोगो के रोजगार चले गए है दूसरी तरफ सरकार लगातार जनता पर आर्थिक बोझ डाल रही है । लगातार रसोई गैस के दामों में वृद्धि करके लोगो को लुटा जाए रहा है।
 गैस ही नही बल्की मई से लेकर अब तक 22 बार पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि हो चुकी है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें घटने के बावजूद भी देश में पेट्रोल व डीज़ल की कीमतें आज तक के इतिहास में सबसे ऊंचे स्तर पर हैं। इस से एक तरफ दोपहिया व चार पहिया वाहनों का इस्तेमाल करने वालों पर भारी मार पड़ी है वहीं दूसरी ओर इस से खाद्य वस्तुओं की कीमतों में भारी वृद्धि हो गयी है। खाद्य वस्तुएं जनता की पहुंच से बाहर हो गयी हैं। खाने के तेल,दालों व अन्य वस्तुओं की कीमतों में बाज़ार व राशन के डिपुओं में भारी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि  पेट्रोल,डीज़ल में प्रति लीटर पर 53 रुपये एक्साइज डयूटी व वैट के रूप में वसूले जा रहे हैं जोकि कुल कीमत का लगभग साठ प्रतिशत है। सीपीआईएम ने  मांग की है कि पेट्रोल डीजल पर एक्साइज डयूटी व वैट की दर घटाई जाए। सीपीआईएम रसोई गैस के सिलेंडर में सब्सिडी बढाने व खाद्य वस्तुओं की कीमतों में कटौती करने की मांग की। 

              बाबू राम ने  कहा है कि केंद्र व प्रदेश सरकार की नवउदारवादी  पूँजीपतिपरस्त व गरीब विरोधी नीतियों के कारण महंगाई चरम पर पहुंच चुकी है। रसोई गैस की कीमत भी बेतहाशा बढ़ चुकी है। गैस सिलेंडर की कीमत 1000 रुपये तक पहुंच गई है। पेट्रोल की कीमत 96 से 100 रुपये व डीज़ल की कीमत 88 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गई है। सरसों का तेल बाजार में 180 रुपये व डिपुओं में 160 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। डिपुओं में दालों की कीमतों में हाल फिलहाल 10 रुपये की वृद्धि की गई है। पिछले महीने की अपेक्षा इस महीने डिपुओं में आटा की मात्रा 14 किलो से घटाकर 11 किलो प्रति कार्ड कर दी गयी है। इस से जनता भारी परेशानी में हैं।  सीपीआईएम ने  मांग की है कि पेट्रोल,डीज़ल व खाद्य वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित किया जाए व इसमें कटौती की जाए। उन्होंने रसोई गैस पर सब्सिडी बढाने की मांग की है। उन्होंने  उन्होंने राशन डिपुओं में दालों,तेल व खाद्य वस्तुओं की कीमतों में की गयी वृद्धि को वापिस लेने की मांग की है। महंगाई व गैस के दामों में की गई वृद्धि के खिलाफ सीपीआईएम शिमला में जनता के बीच जाकर सरकार की जनता विरोधी नीतियों का पर्दाफाश करते हुए जनता को लामबंद करते हुए 26 अगस्त को प्रदर्शन करेंगी
बाबू राम 
सचिव
सीपीआईएम लोकल कमेटी
        शिमला

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