न्यूनतम वेतन सलाहकार सीमिति की बैठक में सीटू ने रखा मजदूरों का पक्ष, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़ा जाऐ हिमाचल के मजदूरों का वेतन
न्यूनतम वेतन सलाहकार समिति हिमाचल प्रदेश की बैठक समिति के अध्यक्ष व कार्यवाहक श्रमायुक्त हिमाचल प्रदेश श्री अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में श्रम निदेशालय हिमलैंड शिमला में सम्पन्न हुई। बैठक में समिति के सदस्य मजदूर यूनियन सीटू के प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा,इंटक प्रदेशाध्यक्ष बाबा हरदीप सिंह,संयुक्त श्रमायुक्त टी आर आज़ाद,श्रम निरीक्षक हेडक्वार्टर श्रम निदेशालय विवेक नेगी,हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन से निशी भट्टी,बीबीएन इंडस्ट्रियल एरिया से प्रदीप शर्मा,कृषि विभाग से दिग्विजय शर्मा व ग्रामीण विकास विभाग से मोहिंद्र भाटिया आदि शामिल रहे।
बैठक में सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने मजदूरों की मांगों को लेकर सत्रह सूत्रीय मांग-पत्र सौंपकर इस पर तत्काल संज्ञान लेने की मांग की। उन्होंने बैठक में नियमित,ठेका व आउटसोर्स मजदूरों के न्यूनतम वेतन में केवल 25 रुपये बढ़ोतरी करके मजदूरों की 300 रुपये की दिहाड़ी को नाकाफी बताया व इसे मजदूरों के साथ क्रूर मजाक करार दिया। उन्होंने खेद व्यक्त किया कि पूरे देश में हिमाचल प्रदेश ही इकलौता राज्य बच गया है जहां पर मजदूरों के न्यूनतम वेतन को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक अथवा महंगाई के साथ नहीं जोड़ा गया है। इसी कारण हिमाचल प्रदेश के पड़ोसी राज्यों पंजाब,हरियाणा व केरल,दिल्ली जैसे अन्य राज्यों की अपेक्षा हिमाचल प्रदेश में न्यूनतम वेतन काफी कम है। उन्होंने कहा कि 25 रुपये की वेतन बढ़ोतरी केवल उन मजदूरों के लिए है जो न्यूनतम वेतन पर कार्य कर रहे हैं। यह वेतन बढ़ोतरी हिमाचल प्रदेश में कार्यरत कुल मजदूरों के सत्तर प्रतिशत हिस्से पर लागू नहीं होती है क्योंकि न्यूनतम वेतन के ऊपर कार्य करने वाले अकुशल,अर्ध कुशल,कुशल व उच्च कुशल लाखों मजदूर इसके दायरे से बाहर हैं। यह 25 रुपये की वेतन बढ़ोतरी पहले से ही बेहद शोषित न्यूनतम वेतन 300 रुपये से भी कम केवल 205 रुपये दिहाड़ी लेने वाले बारह लाख से ज़्यादा मनरेगा मजदूरों के लिए भी लागू नहीं होगी। यह मजदूरों के साथ घोर अन्याय है। इस वेतन बढ़ोतरी को सभी मजदूरों के लिए लागू किया जाना चाहिए।
विजेंद्र मेहरा ने बैठक में कोरोना योद्धा आशा कर्मियों व मिड डे मील कर्मियों को दिए जा रहे दो हज़ार व ढाई हजार रुपये वेतन की जगह सरकार द्वारा घोषित नौ हजार रुपये न्यूनतम वेतन देने की मांग की। उन्होंने आंगनबाड़ी कर्मियों के लिए हरियाणा की तर्ज़ पर 11925 व 5715 रुपये वेतन की मांग की। उन्होंने मनरेगा मजदूरों को 205 रुपये के बजाए सरकार द्वारा घोषित 300 रुपये न्यूनतम वेतन देने की मांग की। उन्होंने उद्योगों,पर्यटन विभाग,होटलों,सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों,स्वास्थ्य विभाग,नगर निकायों,पंचायती राज,जलशक्ति विभाग,लोक निर्माण विभाग,बिजली विभाग में कार्यरत मजदूरों,निजी व सरकारी बिजली परियोजनाओं में उत्पादन में लगे मजदूरों,सफाई,आउटसोर्स व निजी शिक्षण संस्थानों में कार्यरत कर्मियों के वेतन में 40 प्रतिशत वृद्धि की मांग की। उन्होंने टोल टैक्स व एंट्री टैक्स बैरियर पर कार्यरत मजदूरों के लिए न्यूनतम वेतन की मांग की।
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