उच्च अधिकारी की अगुवाई में हो महिला पुलिस हेड कांस्टेबल से छेड़छाड़ की जांच-जनवादी महिला समिति
प्रेस नोट
अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति ने शिमला में पुलिस अधिकारी के द्वारा महिला हेड कॉन्स्टेबल के साथ कि गई महिला उत्पीड़न की घटना की कड़ी निंदा की है। इसको लेकर जो महिला कर्मचारी ने महिला थाने में एफ आई आर में पुलिस अधिकारी के विरुद्ध जिस तरह से उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं इसके लिए किसी उच्च अधिकारी की अगवाई में निष्पक्ष जांच की जाए और किसी के दबाव में आकर यह जांच नही होनी चाहिए। इस घटना से हिमाचल प्रदेश जैसे शांत व सभ्य राज्य की छवि भी धूमिल होती है।
पुलिस विभाग एक ऐसा विभाग है जहां महिलाओ के साथ हिंसा और उत्पीड़न की समस्या को लेकर महिलाएं जाती है जंहा महिलायें अपने आप को सुरक्षित मानती है उसी विभाग के अधिकारी द्वारा महिला कर्मचारियों के साथ इस तरह का शोषण करना बहुत ही शर्मनाक बात है। पुलिस विभाग में इस प्रकार की महिला उत्पीड़न की शर्मनाक घटना से पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान खड़ा होता है और जिस अधिकारी पर आरोप लगे हैं वह स्वयं यौन उत्पीड़न कमेटी का विभाग ने चेयरमैन नियुक्त किया है। ऐसे में पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में आती है। यौन उत्पीड़न की कमेटियों का गठन उच्चतम न्यायालय के दिशानिर्देशों के अनुरूप किया जाता परन्तु यहाँ ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिस विभाग में इन दिशानिर्देशों को भी नजरअंदाज कर केवल औपचारिकता के लिए ही महिला उत्पीड़न की कमेटी का गठन किया गया है।
यह भी देखा गया है कि प्रदेश में सभी विभागों में यौन उत्पीड़न कमेटियां सिर्फ नाममात्र के लिए ही बनाई गई है इन कमेटियों के चेयरमैन ऐसे अधिकारी बनाएं जाते है जिनका महिलाओ की समस्याओं से कोई लेना देना नही होता है और ना ही उन कमेटियों की मीटिंग होती है क्योकि महिला कर्मचारियों की अगर कही भी किसी भी बिभाग में कोई दिक्कत होती है तो उस मामले को दबाया जाता है और न ही इन कमेटियों को सक्रिय किया जाता है।
इसलिए महिला समिति मांग करती है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और इस अधिकारी को वर्तमान स्थान से हटाने की कार्यवाही की जाए ताकि जांच प्रभावित न कि जाए व पीड़िता को न्याय मिले।
राज्य सचिव राज्य अध्यक्ष
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