हिम सुरक्षा अभियान में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ड्यूटी मुक्त किया जाऐ- सीटू
माननीय मुख्यमंत्री,
हिमाचल प्रदेश सरकार,
शिमला।
विषय - कोरोना महामारी के मध्यनजर हिम सुरक्षा अभियान व भविष्य में किसी भी प्रकार की मेडिकल अथवा स्वास्थ्य डयूटी बारे।
महोदय
आंगनबाड़ी वर्करज़ एवम हैल्परज़ यूनियन सम्बन्धित सीटू आपका ध्यान कोरोना महामारी के मध्यनजर 25 नवम्बर से 25 दिसम्बर तक चलने जाने वाले हिम सुरक्षा अभियान में आंगनबाड़ी कर्मियों की डयूटी की ओर आकर्षित करना चाहती है। यूनियन मांग करती है कि आंगनबाड़ी कर्मियों को इस डयूटी से तुरन्त मुक्त किया जाए क्योंकि आंगनबाड़ी कर्मी न तो स्वास्थ्य कर्मी हैं और न ही वे इस कार्य में निपुण हैं। उन्हें इस कार्य का कोई उचित परीक्षण नहीं दिया गया है और न ही उनकी सेवा शर्तों में इस तरह के कार्यों के लिए उन्हें नियुक्त किया गया है। आंगनबाड़ी कर्मी छोटे बच्चों के लालन-पालन तथा गर्भवती व धातृ महिलाओं से सम्बंधित कार्यों के लिए नियुक्त किये गए हैं। वे योजनकर्मी हैं व एक विशेष योजना के क्रियान्वयन के प्रति ही वे जबावदेह हैं। उनकी कोरोना महामारी की मैपिंग,ईलाज व इस से जुड़े अन्य कार्यों में डयूटी लगाने का कोई औचित्य नहीं बनता है। यह इन कर्मियों के साथ अन्याय के साथ ही कोरोना मरीजों व जनता की सेहत से भी खिलवाड़ है।
प्रदेश सरकार का रवैया हमेशा ही आंगनबाड़ी कर्मियों के साथ अन्यायपूर्ण रहा है। हिमाचल प्रदेश में इन कर्मियों से दर्जनों कार्य करवाने के बावजूद भी न तो इन्हें नियमित किया गया,न ही इनके लिए पेंशन,ग्रेच्युटी,स्वास्थ्य सुविधा आदि की कोई सुविधा है। इन्हें हरियाणा जैसे पड़ोसी राज्य के मुक़ाबले आधा वेतन भी नहीं दिया जाता है। इन कर्मियों को कोविड वारियर का भी कोई दर्जा नहीं दिया गया है और न ही इन कर्मियों के लिए कोई बीमा योजना का प्रबंध किया गया है। यह आंगनबाड़ी कर्मियों के प्रति सरकार की सम्वेदनहीनता को ही दर्शाता है। आइसीडीएस विभाग के अन्य कर्मचारी नियमित हैं परन्तु जब भी डयूटी की बात आती है तो केवल योजनकर्मी आंगनबाड़ी कर्मियों को ही इस विभाग द्वारा कार्य में लगाया जाता है। यह आइसीडीएस विभाग के आंगनबाड़ी कर्मियों के प्रति सौतेले रवैये को ही दर्शाता है। अतः आपसे अनुरोध है कि हिम सुरक्षा अभियान में मेडिकल क्षेत्र से प्रशिक्षित कर्मियों को ही डयूटी में नियुक्त किया जाए व इन्हें तत्काल प्रभाव से इस डयूटी से मुक्त किया जाए। यूनियन यह भी मांग करती है कि भविष्य में भी आंगनबाड़ी कर्मियों की किसी भी प्रकार के मेडिकल अथवा स्वास्थ्य सम्बन्धी कार्यक्रमों में डयूटी न लगाई जाए क्योंकि इन कार्यों के लिए सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग के प्रशिक्षित कर्मचारी व आशा वर्करज़ पहले से ही नियुक्त किये गए हैं। आशा है कि आप हमारी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करके इनके समाधान के लिए पहलकदमी करेंगे।
धन्यवाद।
दिनांक : 28 नवम्बर 2020
नीलम जसवाल राजकुमारी
अध्यक्ष महासचिव
प्रतिलिपि
1. माननीय मंत्री महोदय, सामाजिक कल्याण एवम आधिकारिता विभाग,हिमाचल प्रदेश सरकार,शिमला।
2. माननीय सचिव,महिला एवं बाल विकास विभाग,हिमाचल प्रदेश सरकार,शिमला।
3. माननीय निदेशक,महिला एवं बाल विकास विभाग,हिमाचल प्रदेश सरकार,शिमला।
नीलम जसवाल राजकुमारी
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें