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नवंबर, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

हिम सुरक्षा अभियान में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ड्यूटी मुक्त किया जाऐ- सीटू

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माननीय मुख्यमंत्री, हिमाचल प्रदेश सरकार, शिमला। विषय - कोरोना महामारी के मध्यनजर हिम सुरक्षा अभियान व भविष्य में किसी भी प्रकार की मेडिकल अथवा स्वास्थ्य डयूटी बारे। महोदय          आंगनबाड़ी वर्करज़ एवम हैल्परज़ यूनियन सम्बन्धित सीटू  आपका ध्यान कोरोना महामारी के मध्यनजर 25 नवम्बर से 25 दिसम्बर तक चलने जाने वाले हिम सुरक्षा अभियान में आंगनबाड़ी कर्मियों की डयूटी की ओर आकर्षित करना चाहती है। यूनियन मांग करती है कि आंगनबाड़ी कर्मियों को इस डयूटी से तुरन्त मुक्त किया जाए क्योंकि आंगनबाड़ी कर्मी न तो स्वास्थ्य कर्मी हैं और न ही वे इस कार्य में निपुण हैं। उन्हें इस कार्य का कोई उचित परीक्षण नहीं दिया गया है और न ही उनकी सेवा शर्तों में इस तरह के कार्यों के लिए उन्हें नियुक्त किया गया है। आंगनबाड़ी कर्मी छोटे बच्चों के लालन-पालन तथा गर्भवती व धातृ महिलाओं से सम्बंधित कार्यों के लिए नियुक्त किये गए हैं। वे योजनकर्मी हैं व एक विशेष योजना के क्रियान्वयन के प्रति ही वे जबावदेह हैं। उनकी कोरोना महामारी की मैपिंग,ईलाज व इस से जुड़े अन्य कार्यों में डयूटी लगाने का कोई औचित्य नही...

जनवादी महिला समिति ने मनाया अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस

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आज अखिल भारतीय जनवादी महिला सामिति ने अंतराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस मनाया जिसमे महिलाओं ने हिंसा के खिलाफ नारेबाजी भी की और महिलाओ और बच्चीयों के खिलाफ कार्यस्थलों में होने बाली हिंसा के खिलाफ सेक्सुअल हरासमेंट कमेटियों का गठन करना तथा उनको सक्रिय रूप से चलाना त्तथा स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में सेक्सुअल हरासमेंट कमेटियों का गठन करने तथा लगातार औरतो और युवतियों के साथ होने बाली हिंसा के कानूनों को सरकार से सख्ती से लागू करने की मांग भी की ।

26 नवम्बर की देशव्यापी हड़ताल में शामिल होगा दलित शोषण मुक्ति मंच

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*हिमाचल प्रदेश दलित  शोषण मुक्ति मंच*  किसान मजदूर भवन लोवर केन्थु शिमला3              *प्रेस नोट*      हिमाचल प्रदेश दलित शोषण मुक्ति मंच की राज्य कमेटी ने फैसला लिया है कि 26 नवम्बर 2020 को सँयुक्त ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में दलित शोषण मुक्ति मंच   हड़ताल में शामिल होगा। दलित  शोषण मुक्ति मंच के राज्य संयोजक जगत राम ने आरोप लगाया कि केंद्र की भा ज पा सरकार द्वारा मजदूरों, किसानों,कर्मचरियों,छात्रों, नोजवानों व महिलायों के अधिकारों पर हमले किए जा रहे है। श्रम कानूनों में उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए मजदूर विरोधी फेर बदल किए जा रहे है।  हाल ही में संसद में किसान विरोधी 3 बिल वीना चर्चा के पास कर दिए। किसान इसके खिलाफ आज तक संघर्ष कर रहे है। बेरोज़गारी व मंहगाई में बेतहाशा बृद्धि हो रही है।केंद्र सरकार की इन नीतियों की बजह से देश मे आम जनता का जीना मुश्किल हो गया है।       देस व प्रदेश में दलितों की हत्याओं,समाजिक उत्पीड़न महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनायों में लगातार बृद्धि ह...

कोविड19 से निपटने को सरकार के प्रयास नाकाफी-CPI(M)

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प्रेस विज्ञप्ति भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) प्रदेश में प्रतिदिन तेजी से बढ़ रहे कोविड19 संक्रमित मरीजों व इससे हो रही मौतों की संख्या में हो रही वृद्धि को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त करती है और प्रदेश सरकार के इससे निपटने को लेकर संजीदगी से प्रयास न करने की निंदा करती है। पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में कोविड19 संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है और प्रतिदिन केवल मात्र 4200 के लगभग ही टेस्ट हो रहे हैं जो कि पर्याप्त नहीं है। बावजूद इसके प्रदेश में प्रतिदिन 600 से अधिक संक्रमण के मामले आ रहे हैं और इससे हो रही मौतों की संख्या में भी तेजी से वृद्धि हुई है। आजतक इससे प्रदेश में  460 से अधिक मौतें हो गई है। जबकि मई, 2020 में प्रदेश में संक्रमित मरीज़ की संख्या केवल एक रह गई थी जोकि आज बढ़कर 31000 से अधिक हो गई है। आज देश में तेजी से बढ़ रही संक्रमण दर में पहले 10 जिलों में प्रदेश के चार जिले लाहौल स्पीति, शिमला, मण्डी व किनौर है जोकि बेहद चिंता का विषय है। पार्टी माँग करती है कि सरकार इस महामारी से तेजी से बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए युद्धस्तर की रणनीति बनाकर एक कुशल ...

बढ़ती मंहगाई पर रोक लगाऐ प्रदेश सरकार-सीपीआईएम

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प्रेस विज्ञप्ति भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) देश व प्रदेश में बढ़ती महंगाई पर गम्भीर चिंता व्यक्त करती है और सरकार द्वारा इस पर रोक लगाने में विफल रहने पर सरकार की कढ़ी निंदा करती है। सरकार गत सात माह से कोरोना काल में जनता को कोई भी राहत प्रदान नहीं कर पाई है। इसके उलट इस दौरान पेट्रोल, डीज़ल, राशन, बिजली, पानी, स्कूल व परीक्षा फीस, प्रॉपर्टी टैक्स आदि की दरों में वृद्धि कर जनता पर इस संकट काल में और अधिक आर्थिक बोझ डाला है। सरकार की अनदेखी के कारण ही आज बाज़ार में भी खाद्य वस्तुओं जिनमे आलू, प्याज़, तेल, सब्जी, दाल आदि की कीमतें आसमान छू रही है परन्तु सरकार इस पर रोक लगाने के लिए कोई भी उचित कदम नहीं उठा रही है। सीपीएम सरकार से मांग करती है कि बिजली, पानी, राशन, स्कूल व परीक्षा फीस, प्रॉपर्टी टैक्स व अन्य करों मे की गई वृद्धि तुरंत वापिस ले तथा बाज़ार में खाद्य वस्तुओं की बढ़ती कीमतों पर रोक लगाने के लिए ठोस कदम उठाकर इन बढ़ी हुई कीमतों को तुरंत कम करे और राहत के तौर पर आयकर के दायरे से बाहर सभी को 7500 रुपये प्रति माह व 10 किलोग्राम राशन प्रति व्यक्ति मुफ़्त उपलब्ध करवा...