शहरी विकास मंत्री के न आने से टला टुटीकंडी ओवरब्रिज का उद्घाटन-माकपा

प्रेस विज्ञप्ति
नगर निगम शिमला द्वारा टूटीकंडी फुट ओवरब्रिज के उद्घाटन कार्यक्रम में शहरी विकास मंत्री व शिमला के विधायक न पहुंचने की घटना अत्यंत खेदजनक व शर्मनाक है। नगर निगम के द्वारा शहरी विकास मंत्री द्वारा इस उद्घाटन समारोह की पूरी तरह से तैयारी कर दी थी और स्थानीय जनता भी वहां मंत्री का इंतजार करती रही परन्तु मंत्री शहर में होने के बावजूद इस कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हुए। सरकार व नगर निगम को इसके कारण जनता के सामने स्पष्ट करने चाहिए कि मंत्री, महापौर, उपमहापौर व अधिकारी अन्य वार्ड का दौरा करते रहे हैं लोग वहां मंत्री का इंतजार करते रहे। जब मन्त्री महोदय नहीं पहुंचे तो नगर निगम द्वारा वहां लगी उद्घाटन पट्टिका को उखाड़ दिया और स्थानीय जनता निराश होकर वापिस चली गई। जिस प्रकार के बयान आज मीडिया में आये हैं उससे लगता है कि यह कार्यक्रम भी राजनीति की भेंट चढ़ गया जोकि अत्यंत खेदजनक है। शायद ऐसा शिमला के इतिहास में पहली बार हुआ होगा और लोकतंत्र में किसी भी जनता द्वारा चुनी हुई सरकार के नुमाइंदे से ऐसा अपेक्षित नहीं होता। सरकार को इस शर्मसार करने वाली घटना पर संज्ञान लेना चाहिए।
                            पूर्व नगर निगम ने अप्रैल, 2017 में 5 फुट ओवरब्रिज के कार्य आरम्भ किया था और इसके लिए धन का प्रावधान भी किया गया था। बीजेपी की सरकार व नगर निगम शिमला करीब तीन वर्ष से अधिक समय बीतने के पश्चात केवल एक ही फुट ओवरब्रिज का काम पूर्ण कर पाई और उसमें भी इस प्रकार की राजनीति की जा रही है। अभी 4 फुट ओवरब्रिज जो नवबहार, खलीनी, तारा हाल स्कूल व राजकीय महाविद्यालय संजौली के साथ बनने थे, न जाने किस हालत में है और कब बनेंगे।
 लगता है बीजेपी की सरकार व नगर निगम का शिमला शहर के विकास की ओर कोई ध्यान ही नहीं है। बीजेपी शासित नगर निगम व सरकार जब से सत्ता में आई है तब से शिमला शहर के लिए आज तक कोई भी नई योजना आरम्भ ही नहीं कर पाई है तथा जो करोड़ो रूपये की विकास की योजनाएं पूर्व नगर निगम ने आरम्भ की थी और धन का प्रावधान भी किया था उनके निर्माण पर भी कोई ध्यान नहीं दे रही है। लगभग सभी योजनाएं या तो इनका कार्य आरम्भ ही नहीं हुआ है या आधी अधूरी है। पूर्व नगर निगम द्वारा लाई गई परियोजनाओं जिनमे स्मार्ट सिटी, टूटीकंडी रोपवे, पेयजल व सीवरेज का विश्व बैंक की परियोजना के साथ साथ वार्डों में पार्किंग व पार्किंग के निर्माण कार्य पूरी तरह से नजरअंदाज किये जा रहे हैं और शहर के विकास की ओर कोई भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सरकार व नगर निगम अभी तक अपने कार्यकाल में लोगो पर पानी, बिजली, बस किराया, प्रॉपर्टी टैक्स, कूड़ा उठाने की फीस आदि सेवाओं की दरों में वृद्धि कर जनता पर बोझ डालने का कार्य कर रही है। सी.पी.एम. इन जनविरोधी निर्णयों के विरोध करती है और सरकार से मांग करती है कि इन जनता पर आर्थिक बोझ डालने वाली नीतियों को तुरंत वापिस ले तथा शिमला शहर में पूर्व नगर निगम द्वारा स्वीकृत व आरम्भ की गई विभिन्न परियोजनाओं का कार्य युद्धस्तर पर कार्यन्वित कर पूर्ण करे और जनता को इनका लाभ पहुचाए। अन्यथा पार्टी सरकार व नगर निगम के इन जनविरोधी निर्णयों के विरुद्ध आंदोलन करेगी।
संजय चौहान
जिला सचिव
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी)

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