xस्थाई रोजगार न मिलने से बढ जाऐगा कामगारों का शोषण- CITU

हिमाचल के उद्योगों में श्रमिकों को स्थायी रोजगार न मिलने से श्रमिकों का हित नहीं होगा और इससे कामगारों का शोषण बढ़ जाएगा। नियम 2019 में संशोधन के बाद प्रदेश सरकार की तय अवधि की रोजगार देने की व्यवस्था से निवेशकों को जरूरत के अनुसार कामगार जुटाने की स्वतंत्रता होगी। इससे स्थायी रोजगार के अवसर घटेंगे। कंपनियां भी अपनी जरूरत के अनुसार ही कामगार रखेंगी। 
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प्रदेश में नए उद्योगों में निवेश को आकर्षित करने के लिए सरकार श्रम कानूनों में संशोधन कर रही है।  अब सरकार ने निवेशकों को तय अवधि के लिए कामगारों की नियुक्ति की छूट देकर उद्योगपतियों को बड़ी राहत दी है। कई बार उद्योगों के पास तीन माह या तीन साल की अवधि के लिए काम आता है और ऐसी स्थिति में अब निवेशकों को स्थायी कामगार रखने की जरूरत नहीं होगी। काम पूरा होने तक कामगारों की सेवाएं ली जा सकेंगी।  
हिमाचल प्रदेश पीएचडी चैंबर आफ कॉमर्स के को-चेयरमैन अरुण रावत ने कहा कि तय अवधि के लिए कामगारों की नियुक्ति से प्रदेश के उद्योगों को काम के अनुसार तय अवधि के लिए कामगार रखने की व्यवस्था से दोनों पक्षों का लाभ होगा। कई बार उद्योगों को कुछ समय के लिए काम मिलता है तो उन्हें रेगुलर कामगार नहीं रखने होंगे। पहले यह व्यवस्था ठेकेदारों के माध्यम से करनी पड़ती थी। अब उद्योग खुद तय अवधि के लिए कामगार रख सकेंगे। 
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सीटू प्रदेशाध्यक्ष मेहरा बोले, कामगारों का शोषण होगा 
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि तय अवधि के लिए कामगारों को रखने से शोषण बढ़ेगा। रेगुलर रोजगार के अवसर खत्म होंगे। कामगारों को 58 साल तक एक ही संस्थान में नौकरी करने का मौका नहीं मिलेगा। कामगारों को ईएसआई, ग्रैच्युटी और पीएफ जैसे लाभों से वंचित रहना होगा। सरकार ने पूंजीपतियों के हितों को सर्वोपरि रखा है। कामगारों को तय अवधि से बाद बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा
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