कुफरी नालदेहरा में विभिन्न श्रेणियों मे काम करने वाले लोगों की समस्याओं को लेकर DYFI ने उपायुक्त शिमला को सौंपा ज्ञापन
विश्व नक्शे पर महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले कुफरी एवं नालदेहरा क्षेत्र के पर्यटक स्थलों में विभिन्न श्रेणियों में काम करने वाले लोगों को अपना घर चलना हुआ मुश्किल -DYFI
आज भारत की जनवादी नौजवान सभा DYFI कुफरी का प्रतिनिधि मंडल DC शिमला और SDM शिमला नीरज गुप्ता से मिला। कपिल शर्मा ने बताया कि पिछले 3 महीने होने को आ गए है और कुफरी में ही लगभग 1500 परिवार घोड़ो से कारोबार चलाते है। पर इस महामारी के समय में इस व्यवसाय से सम्बन्ध रखने वाले लोगों को अपना घर तक चलना मुश्किल हो गया है
कोरोना महामारी के इस संकट का सबसे दुष्प्रभाव अर्थव्यवस्था के पर्यटन क्षेत्र पर पड़ा है। इस कारण एक और होटल उद्योग की तालाबंदी हई है तथा दूसरी ओर पर्यटक स्थली में छोटे-छोटे काम धधों में लगे घोड़े वाले. टेक्सी चालक, टूरिस्ट गाईड फोटोग्राफर ,यॉक मैन,
चाय-स्नेक्स की दुकानें चलाने वाले, आदि लागों के रोजगार चौपट हो गए हैं। और इस वजह से प्रदेश में हजारों परिवारों की आर्थिक दशा संकट के दौर से गुजर रही है। विश्व नक्शे पर महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले कुफरी एवं नालदेहरा क्षेत्र के इन पर्यटक स्थलों में विभिन्न श्रेणियों में काम करने वाले लोगों जिसमें प्रमुख रूप से घोडापालको की गम्भीर होती जा रही समस्याए हैं।अकेले कफरी में लगभग 1500 घोड़ों का कारोबार चलता है तथा एक घोड़ा पालने में करीब 300 रुपये प्रतिदिन
का खर्च शामिल है। ऐसे कोरोना महामारी के संकट के समय जहा इंसानों के अपने भोजन को लाले पड़े है ऐसे में इन घोड़ों का पालने को खर्च उठाना इन परिवारों के लिए मश्किल काम हो गया है। अभी आगे भी पर्यटन कार्य के खुलने के आसार नजर नहीं आ रहे है जिससे किसी भी छोटे-मोटे रोजगार की गुंजाईश नजर नहीं आ रही है। ऐसे में ये सभी छोटे किसान परिवार जिनके पास मुश्किल से दो-चार बीघा जमीन भी नही है अपने परिवार के इलावा इन बेजुबान पशुओं को पालना कठिन कार्य हो गया है। DYFI की मांग है कि प्रति घोड़े के हिसाब से घोडापालको के परिवारों को एकमुश्त 10 हजार रुपये की राशि जारी की जाए ताकि घोड़ों को पालने के लिए आवश्यक सामग्री जुटाई जा सके।
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