मिड डे मिल वर्कर यूनियन (सम्बधित सीटू)का अपनी मांगों को लेकर प्रदेशभर के दस जिलों में भारी प्रर्दशन
मिड डे मील वर्करज़ फेडरेशन ऑफ इंडिया सम्बंधित सीटू के आह्वान पर राष्ट्रव्यापी प्रदर्शनों के तहत हिमाचल प्रदेश के शिमला,मंडी,कुल्लू,ऊना,हमीरपुर,किन्नौर,चंबा,कांगड़ा,सोलन,सिरमौर सहित दस जिलों में मिड डे मील वर्करज़ ने अपनी मांगों को लेकर जिला व ब्लॉक मुख्यालयों पर प्रदर्शन किए। हिमाचल प्रदेश मिड डे मील वर्करज़ यूनियन ने प्रदेश सरकार को चेताया है कि अगर उसने मिड डे मील वर्करज़ की मांगों को पूर्ण न किया तो आंदोलन तेज होगा।
मिड डे मील वर्करज़ ने अपनी मांगों को लेकर शिमला में प्रदर्शन किया। इसमें सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा,उपाध्यक्ष जगत राम,मिड डे मील यूनियन प्रदेश महासचिव हिमी देवी,बालक राम,राम प्रकाश,अनिल,अमित कुमार,सुनीता देवी आदि मौजूद रहे। प्रदर्शन के बाद यूनियन ने देश के प्रधानमंत्री व प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किये।
यूनियन की प्रदेश महासचिव हिमी देवी ने कहा है कि केंद्र व प्रदेश सरकारें मिड डे मील का जमकर शोषण कर रही हैं। मिड डे मील को आज भी केवल दो हज़ार रुपये में गुज़ारा करना पड़ रहा है। उन्हें प्रदेश सरकार द्वारा बजट में की गयी तीन सौ रुपये की वेतन बढ़ोतरी भी नहीं दी जा रही है। हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्णय को भी लागू नही किया जा रहा है। हिमाचल उच्च न्यायालय ने संविधान के अनुच्छेद चौदह के अनुसार मिड डे मील वर्करज़ के लिए दस महीने के बजाए बारह महीने का वेतन देने का निर्णय दिया था परन्तु प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग ने इस निर्णय को लागू नहीं किया। मिड डे मील वर्करज़ को कोरोना महामारी की क्वारन्टीन डयूटी के लिए कोई भी आर्थिक सहायता नहीं दी जा रही है और न ही उनका स्वास्थ्य बीमा किया जा रहा है। उन्हें बच्चों के लिए घर-घर राशन पहुंचाने के लिए भी कोई आर्थिक मदद नही दी जा रही है। इन मजदूरों की लगातार छंटनी जारी है। केंद्र व प्रदेश सरकार ने कोरोना काल में बुरी तरह प्रभावित हुए सबसे कम वेतन पाने वाले मिड डे मील वर्करज़ को कोई भी आर्थिक मदद नही दी है। उन्होंने मांग की है कि मिड डे मील वर्करज़ को वर्ष 2013 के भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश अनुसार नियमित कर्मचारी घोषित किया जाए व उन्हें हिमाचल सरकार के न्यूनतम वेतन की तर्ज़ पर 8250 रुपये वेतन दिया जाए। उन्होंने केंद्र व प्रदेश सरकार पर मिड डे मील वर्करज़ विरोधी होने का आरोप लगाया है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें