प्राईवेट स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाए शिक्षा विभाग-छात्र अभिभावक मंच
माननीय निदेशक,
उच्चतर शिक्षा,
हि.प्र. सरकार,शिमला।
विषय : निजी स्कूलों द्वारा मनमानीपूर्वक बढ़ाई गई टयूशन फीस व अन्य चार्जेज वसूल करने के खिलाफ कार्रवाई करने व वर्ष 2019 के आधार पर केवल टयूशन फीस वसूल करने के संदर्भ में।
महोदय
हिमाचल प्रदेश सरकार की कैबिनेट द्वारा 23 मई 2020 को निजी स्कूलों के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। इस निर्णय से लाखों अभिभावकों को राहत मिलती हुई प्रतीत हुई थी। कोरोना महामारी काल में निजी स्कूलों को अभिभावकों से वर्ष 2019 की तर्ज़ पर केवल टयूशन फीस लेने का आदेश प्रशंसनीय था लेकिन यह निर्णय धरातल पर लागू होने से पूर्व ही धराशायी हो गया। निजी स्कूल प्रबंधन प्रदेश सरकार की कैबिनेट के निर्णय के बाद भी मनमानी कर रहे हैं व अभिभावकों को या तो गुमराह कर रहे हैं अथवा अपनी मनमर्जी थोप कर इस आदेश की धज्जियां उड़ा रहे हैं। अभी प्रदेश सरकार व शिक्षा निदेशालय ने कैबिनेट के इस निर्णय को लागू करने का पूरा सिस्टम भी नहीं बनाया है परंतु अभिभावकों को बार-बार मोबाइल सन्देश भेजकर जल्दबाजी में अपनी मनाफाखोरी करने के लिए अभिभावकों पर अनचाहा दबाव निजी स्कूल प्रबंधनों द्वारा बनाया जा रहा है। निजी स्कूलों की फीस के क्रियान्वयन में निम्न समस्याएं पेश आ रही हैं। आशा है कि आप इनका समाधान करेंगे व अभिभावकों को न्याय प्रदान करेंगे।
1. यह बेहद दुखी मन से आपको सूचित करना पड़ रहा है कि प्रदेश सरकार द्वारा 23 मई 2020 की कैबिनेट में लिए गए निर्णय के बाद अधिसूचित आदेशों में टयूशन फीस के अलावा अभिभावकों से वसूले जाने वाले एनुअल चार्ज,मिसलेनियस चार्ज,कम्प्यूटर फीस,स्पोर्ट्स फीस,स्मार्ट क्लास रूम चार्ज,केयरज़ चार्ज आदि विभिन्न नामों से अन्य सभी प्रकार की फीस को निरस्त अथवा माफ नहीं किया गया है बल्कि केवल कोरोना काल के समय के बाद के लिए स्थगित(postpone) किया गया है। यह आदेशों में इस्तेमाल deferred शब्द से बिल्कुल स्पष्ट है क्योंकि टयूशन फीस के अलावा सभी प्रकार की फीस माफी के लिए deffered के बजाए waive off शब्द इस्तेमाल होना चाहिए था जोकि आदेशों में नहीं है। इसलिए इस अधिसूचना को पुनर्परिभाषित करके दोबारा से अधिसूचित किया जाए व टयूशन फीस के अलावा सभी तरह की अन्य फीस व चार्ज को बिल्कुल निरस्त किया जाए।
2. ज़्यादातर शीतकालीन निजी स्कूल अभिभावकों से मार्च से मई की तिमाही की फीस 10 मार्च से पूर्व व ग्रीष्मकालीन निजी स्कूल 10 अप्रैल से पूर्व फीस वसूल कर लेते हैं। निजी स्कूलों के लगभग 70 प्रतिशत अभिभावक निजी स्कूलों द्वारा फीस को लेकर बार-बार भेजे गए मोबाइल संदेशों के दबाव में अपने बच्चों के भविष्य की चिंता में इस तिमाही में एनुअल चार्ज,एडमिशन फीस,कम्प्यूटर फीस,स्मार्ट क्लास रूम चार्ज,स्पोर्ट्स चार्ज,केयरज़ फंड,मिसलेनियस फंड व अन्य सभी प्रकार के फंड व फीस कैबिनेट का निर्णय आने से पूर्व ही जमा कर चुके हैं। इस जमा फीस में टयूशन फीस भी वर्ष 2020 में आठ से बीस प्रतिशत तक बढ़ाई गयी फीस के आधार पर ही वसूली गयी है। निजी स्कूल प्रबंधन इस ज़्यादा वसूली गयी फीस को अगली किश्तों में सम्माहित करने में आनाकानी कर रहे हैं और न ही इस बढ़ी हुई फीस को वापिस लौटा रहे हैं। अतः इस ज़्यादा वसूली गयी फीस को अगली किश्तों के रूप में सम्माहित करने अथवा वापिस लौटाने के लिए उचित मैकेनिज़्म तैयार किया जाए व सरकारी अधिकारियों की इस कार्य को अमलीजामा पहनाने के लिए जिम्मेवारी लगाई जाए।
3. ज़्यादातर निजी स्कूल एडमिशन फीस,एनुअल चार्ज व अन्य सभी तरह की वसूली गयी फीस को लौटाने से इनकार कर रहे हैं। ये स्कूल दो तरह से नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। एक ओर तो ये वर्ष 2016 के हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा एडमिशन फीस व एनुअल चार्ज आदि कई तरह की फीस पर लगाई गई रोक को धत्ता बताकर ये फीसें वसूल रहे हैं वहीं दूसरी ओर कैबिनेट के निर्णय के बावजूद इस वसूली गयी फीस को अगली किश्तों में सम्माहित करने अथवा अभिभावकों को लौटाने से इनकार कर रहे हैं। अतः कैबिनेट के आदेश को सख्ती से लागू करवाया जाए।
4. कैबिनेट के निर्णय के अनुसार वर्ष 2019 की तर्ज़ पर ही निजी स्कूल टयूशन फीस वसूल सकते हैं लेकिन ये स्कूल आठ से बीस प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ वर्ष 2019 के बजाए वर्ष 2020 की फीस बढ़ोतरी के साथ यह ट्यूशन फीस वसूल रहे हैं। इस पर पूर्ण रोक लगाई जाए व ज़्यादा वसूली फीस को अभिभावकों को लौटाया जाए।
5. वर्ष 2020 के बेहद आपदापूर्ण कोरोना काल में निजी स्कूलों ने नैतिकता के सभी पैमानों को पूरी तरह से ताक पर रखकर मानवीय मूल्यों का पूर्ण ह्रास कर दिया है। इन स्कूलों ने पिछले वर्ष टयूशन फीस,एनुअल चार्ज,एडमिशन फीस,कम्प्यूटर फीस,स्मार्ट क्लास रूम चार्ज,स्पोर्ट्स चार्ज,केयरज़ फंड,मिसलेनियस फंड,बिल्डिंग फंड,डेवेलपमेंट फंड व अन्य सभी प्रकार के फंड व फीस के रूप में विभिन्न मदों में ली गयी फीस को इस वर्ष केवल टयूशन फीस में सम्माहित कर दिया है व पिछले वर्ष की तुलना में टयूशन फीस को चार से पांच गुणा बढ़ाकर अभिभावकों पर कोरोना काल की तिमाही में ही दस से पन्द्रह हज़ार रुपये का अतिरिक्त बोझ लाद दिया है। यह पूरी तरह गैर कानूनी है। अतः इस पर रोक लगाई जाए व हिमाचल सरकार के कैबिनेट के निर्णय अनुसार वर्ष 2019 की टयूशन फीस के आधार पर ही टयूशन फीस वसूली जाए। इसके साथ ही ऐसी अनैतिकता करने वाले निजी स्कूल नियोक्ताओं व प्रबंधकों के खिलाफ एपिडेमिक एक्ट,डिज़ास्टर मैनेजमेंट एक्ट व आईपीसी की धाराओं के तहत धोखाधड़ी,लूट व मनमानी के मुकद्दमे दर्ज करवाए जाएं।
6. गांव,कस्बों,उपनगरों में स्थित निजी स्कूल बच्चों को केवल मोबाइल पर हर दिन होम वर्क भेजते हैं। वे कोई ऑनलाइन पढ़ाई नहीं करवा रहे हैं। होम वर्क को ही वे ऑनलाइन पढ़ाई बताकर अभिभावकों से हर तरह की फीस वसूल रहे हैं। अतः इसे स्कूलों द्वारा टयूशन फीस वसूलने पर रोक लगाई जाए।
7. बहुत सारे निजी स्कूलों ने कोरोना काल का फायदा उठाते हुए अन्य चार्जेज को हटाकर 90 से 100 प्रतिशत फीस टयूशन फीस के नाम पर ही फीस बुकलेट में दर्शा दी है। अतः इन की टयूशन फीस को रेशनेलाइज़ किया जाए व उसी आधार पर अभिभावकों से फीस वसूली जाए।
8. टयूशन फीस किसी भी रूप में कुल फीस के पचास प्रतिशत से अधिक नहीं वसूली जानी चाहिए। इसके लिए पूरा मैकेनिज़्म तैयार किया जाए।
9. निजी स्कूल प्रबंधनों द्वारा शिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन में की जा रही कटौती पर रोक लगाई जाए। प्रबंधन इनके वेतन के संदर्भ में अनैतिक तरीके अपना रहे हैं। कई स्कूल इन्हें ऑनलाइन वेतन का पूरा भुगतान कर रहे हैं लेकिन बाद में स्कूल में इनसे नकद आधा वेतन वापिस ले रहे हैं। यह पूरी तरह गैर मानवीय व अनैतिक है। इस पर रोक लगाई जाए व इन्हें पूरे वेतन का भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
आशा है कि आप इस संदर्भ में उचित कार्रवाई करेंगे व कोरोना महामारी के इस संकट काल में अभिभावकों को केवल टयूशन फीस वसूल कर अन्य सभी प्रकार की फीस व चार्जेज को निरस्त करके राहत प्रदान करेंगे।
धन्यवाद।
दिनांक : 1 जून 2020
*विजेंद्र मेहरा*
*संयोजक*
*छात्र अभिभावक मंच*
*बिंदु जोशी*
*सह संयोजक*
*छात्र अभिभावक मंच*
*प्रतिलिपि*
1. माननीय मुख्यमंत्री,हिमाचल प्रदेश सरकार,शिमला(उचित कार्रवाई हेतु)।
2. माननीय शिक्षा मंत्री,हिमाचल प्रदेश सरकार,शिमला(उचित कार्रवाई हेतु)।
3. माननीय निदेशक प्रारंभिक शिक्षा,शिक्षा निदेशालय,हि.प्र.शिमला(उचित कार्रवाई हेतु)।
4. माननीय संयुक्त निदेशक उच्चतर शिक्षा,शिक्षा निदेशालय,हि.प्र. शिमला(उचित कार्रवाई हेतु)।
*विजेंद्र मेहरा*
*संयोजक*
*छात्र अभिभावक मंच*
*बिंदु जोशी*
*सह संयोजक*
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