कोविड19 को लेकर सरकार की आधी अधूरी तैयारियों पर चिंतित है माकपा- संजय चौहान
प्रेस विज्ञप्ति
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) प्रदेश सरकार द्वारा कोविड19 के लिये सरकार द्वारा की गई आधी अधूरी तैयारी को लेकर चिंता व्यक्त करती है और इसके लिए जिस प्रकार से डेडिकेटेड कोविड अस्पताल व सेंटर बनाये जाने थे वह इस कार्य को करने में पूर्णतः विफल रही है। पार्टी मांग करती है कि सरकार कोविड19 से पैदा हुई विषम परिस्थिति से निपटने के लिये तुरन्त ठोस कदम उठाए और इसके लिये एक टास्क फोर्स गठित कर युद्ध की भांति रणनीति बनाई जाए। इसके साथ ही शिमला में डेडिकेटेड कोविड अस्पताल इंडस अस्पताल में बनाया जाए ताकि शिमला व प्रदेशवासियों के लिए आई जी एम सी व रिपन डी डी यू अस्पताल को अन्य रोगियों के इलाज के लिये पूर्ण रूप से खोला जाए और जनता इनमें इलाज करवा सके। प्रदेश के सभी कोविड डेडिकेटेड अस्पतालों व केंद्रो में भी डब्ल्यू एच ओ के द्वारा निर्धारित मापदंडों पर पर्याप्त संख्या में डॉक्टर, नर्से, पैरामेडिकल व अन्य स्टाफ तथा आवश्यक उपकरण व साजो सामान उपलब्ध करवाए जाए।
प्रदेश की राजधानी शिमला मे जिस प्रकार के आज हालात बन गए हैं उससे सरकार के दावों की पोल खुली गई है। सरकार ने जिस प्रकार से आधी अधूरी तैयारी से रिपन डी डी यू अस्पताल को डेडिकेटेड कोविड अस्पताल बनाया है उससे स्पष्ट हो गया है कि सरकार इस विषम परिस्थिति से निपटने में बिल्कुल भी संजीदा नहीं है। क्योंकि वहाँ पर न तो निर्धारित मानकों के वेंटिलेटर, मॉनिटर, पाइपलाइन से ऑक्सिजन, लैब, एक्सरे, ई सी जी आदि आवश्यक उपकरण भी उपलब्ध नहीं है। परन्तु फिर भी डेडिकेटेड कोविड अस्पताल होने के कारण इसमे भी सोलन से मरीज को रखा गया है। और अब अधिकांश कोरोना संक्रमित मरीजों को आई जी एम सी अस्पताल में भी भर्ती किया गया है। इस अव्यवस्था के कारण शिमला के दोनों अस्पताल कोरोना संक्रमित मरीजो का इलाज कर रहें हैं जिससे अन्य मरीजों का इलाज नहीं हो रहा है। यह डब्लू एच ओ के दिशानिर्देश का खुला उलंघन है, क्योंकि इनके अनुसार जो अन्य रोगों से ग्रसित रोगी है उनको कोविड19 के नाम पर इलाज से वंचित नहीं किया जा सकता है।
सी.पी.एम. ने 21मार्च, 2020 को मख्यमंत्री के द्वारा सर्वदलीय बैठक में यह सुझाव दिया था कि इस कोविड19 से निपटने के लिए सरकार एक ठोस रणनीति बना कर कार्य करे और इंडस अस्पताल को डेडिकेटेड कोविड अस्पताल बनाया जाए ताकि आई जी एम सी, रिपन व के एन एच में नियमित रूप से ओ पी डी चलती रहे और लोगों को परेशानी न हो परन्तु आज ढाई माह से ज्यादा समय इसको बीत गया है और सरकार इस पर कोई भी स्पष्ट निर्णय नही ले पाई है। पहले आई जी एम सी में कोविड अस्पताल बना दिया और इसे लगभग 35 दिनों तक बन्द रखा करोड़ो रूपये की योजना तैयार की गई कि इसमे नई लैब, मुर्दाघर आदि बनाए जाएंगे इसके साथ अन्य आवश्यक मूलभूत ढांचे का विकास किया जाएगा परन्तु इसपर बिल्कुल भी जमीनी स्तर पर अमल में नहीं लाया गया और जो पैसा दिया गया था वह कहां खर्च हुआ उसका भी पता नहीं। फिर जल्दबाजी में रिपन डी डी यू अस्पताल को बिना तैयारी के कोविड19 डेडिकेटेड अस्पताल बना दिया। आज सरकार की इस लचर कार्यप्रणाली से तीनो अस्पतालों में नियमित रूप से ओ पी डी नहीं चल रही है। अब कोविड19 संक्रमित मरीजो की संख्या जैसे जैसे बढ़ रही है सरकार की लचर व्यवस्था की पोल खुल रही है और यदि सरकार समय रहते इसको सुधारने के लिए ठोस क़दम नहीं उठती तो प्रदेश में भी स्थिति भयावह हो सकती हैं।
संजय चौहान
राज्य सचिवमण्डल सदस्य
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी)
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