फीस वसूली में सरकार के आदेशों की अवहेलना कर रहे है निजी स्कूल- छात्र अभिभावक मंच

माननीय मुख्यमंत्री महोदय,
हि.प्र. सरकार,शिमला।

विषय : 23 मई 2020 के हिमाचल सरकार के निजी स्कूलों के संदर्भ में कैबिनेट निर्णय को धरातल पर लागू करवाने के संदर्भ में।

महोदय

              हिमाचल प्रदेश सरकार की कैबिनेट द्वारा 23 मई 2020 को निजी स्कूलों के संदर्भ में एक  महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। इस निर्णय से लाखों अभिभावकों को राहत मिली है। कोरोना महामारी काल में निजी स्कूलों को अभिभावकों से केवल टयूशन फीस लेने का आदेश प्रशंसनीय है। लेकिन इस निर्णय को धरातल पर लागू करवाने में अभिभावक कई दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। निजी स्कूल प्रबंधन कैबिनेट निर्णय आने के बाद भी मनमानी कर रहे हैं व अभिभावकों को या तो गुमराह कर रहे हैं अथवा अपनी मनमर्जी थोप कर इस आदेश की धज्जियां उड़ा रहे हैं। अभी प्रदेश सरकार व शिक्षा निदेशालय ने कैबिनेट के इस निर्णय को लागू करने का पूरा सिस्टम भी नहीं बनाया है परंतु निजी स्कूल अभिभावकों को  बार-बार मोबाइल सन्देश भेजकर जल्दबाजी में अपनी मनाफाखोरी करने के लिए अभिभावकों पर अनचाहा दबाव भी निजी स्कूल प्रबंधनों द्वारा बनाया जा रहा है। इस निर्णय के क्रियान्वयन में निम्न समस्याएं पेश आ रही हैं। आशा है कि आप इसका समाधान करेंगे व अभिभावकों को न्याय प्रदान करेंगे।

1. ज़्यादातर शीतकालीन निजी स्कूल अभिभावकों से मार्च से मई की तिमाही की फीस 10 मार्च से पूर्व व ग्रीष्मकालीन निजी स्कूल 10 अप्रैल से पूर्व फीस वसूल कर लेते हैं। निजी स्कूलों के लगभग 70 प्रतिशत अभिभावक निजी स्कूलों द्वारा फीस को लेकर बार-बार भेजे गए मोबाइल संदेशों के दबाव में अपने बच्चों के भविष्य की चिंता में इस तिमाही में एनुअल चार्ज,एडमिशन फीस,कम्प्यूटर फीस,स्मार्ट क्लास रूम चार्ज,स्पोर्ट्स चार्ज,केयरज़ फंड,मिसलेनियस फंड व अन्य सभी प्रकार के फंड कैबिनेट के निर्णय आने से पूर्व ही जमा कर चुके हैं। इस जमा फीस में टयूशन फीस भी वर्ष 2020 में आठ से बीस प्रतिशत तक बढ़ाई गयी फीस के आधार पर ही वसूली गयी है। निजी स्कूल प्रबंधन इस ज़्यादा वसूली गयी फीस को अगली किश्तों में सम्माहित करने में आनाकानी कर रहे हैं और न ही इस बढ़ी हुई फीस को वापिस लौटा रहे हैं। अतः इस ज़्यादा वसूली गयी फीस को अगली किश्तों के रूप में सम्माहित करने अथवा वापिस लौटाने के लिए उचित मैकेनिज़्म तैयार किया जाए व सरकारी अधिकारियों की इस कार्य को अमलीजामा पहनाने के लिए जिम्मेवारी लगाई जाए।

2. ज़्यादातर निजी स्कूल एडमिशन फीस,एनुअल चार्ज व अन्य तरह के चार्ज लौटाने से इनकार कर रहे हैं। ये स्कूल दो तरह से नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। एक ओर तो ये वर्ष 2016 के हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा एडमिशन फीस व एनुअल चार्ज पर लगाई गई रोक को धत्ता बताकर ये फीसें वसूल रहे हैं वहीं दूसरी ओर कैबिनेट के निर्णय के बावजूद इस वसूली गयी फीस को अगली किश्तों में सम्माहित करने अथवा अभिभावकों को लौटाने से इनकार कर रहे हैं। अतः कैबिनेट के आदेश को सख्ती से लागू करवाया जाए।

3. कैबिनेट के निर्णय के अनुसार वर्ष 2019 की तर्ज़ पर ही निजी स्कूल टयूशन फीस वसूल सकते हैं लेकिन ये स्कूल आठ से बीस प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ वर्ष 2019 के बजाए वर्ष 2020 की फीस बढ़ोतरी के साथ यह ट्यूशन फीस वसूल रहे हैं। अतः इस पर रोक लगाई जाए।

4. गांव,कस्बों,उपनगरों में स्थित निजी स्कूल बच्चों को केवल मोबाइल पर हर दिन होम वर्क भेजते हैं। वे कोई ऑनलाइन पढ़ाई नहीं करवा रहे हैं। होम वर्क को ही वे ऑनलाइन पढ़ाई बताकर अभिभावकों से हर तरह की फीस वसूल रहे हैं। अतः इसे स्कूलों द्वारा टयूशन फीस वसूलने पर रोक लगाई जाए।

5. बहुत सारे निजी स्कूलों ने कोरोना काल का फायदा उठाते हुए अन्य चार्जेज को हटाकर 90 प्रतिशत फीस टयूशन फीस के नाम पर ही फीस बुकलेट में दर्शा दी है। अतः इन की टयूशन फीस को रेशनेलाइज़ किया जाए व उसी आधार पर अभिभावकों से फीस वसूली जाए।

6. टयूशन फीस किसी भी रूप में कुल फीस के पचास प्रतिशत से अधिक नहीं वसूली जानी चाहिए। इसके लिए पूरा मैकेनिज़्म तैयार किया जाए।

             आशा है कि आप इस संदर्भ में उचित कार्रवाई करेंगे व 23 मई 2020 के कैबिनेट निर्णय को अक्षरशः लागू करवाएंगे।

धन्यवाद।

दिनांक : 27 मई 2020

*विजेंद्र मेहरा*
*संयोजक*
*छात्र अभिभावक मंच*


*प्रतिलिपि*

1. माननीय शिक्षा मंत्री,हिमाचल प्रदेश सरकार,शिमला।

2. निदेशक उच्चतर शिक्षा,शिक्षा निदेशालय,हि.प्र.शिमला(उचित कार्रवाई हेतु)

3. निदेशक प्रारंभिक शिक्षा,शिक्षा निदेशालय,हि.प्र.शिमला(उचित कार्रवाई हेतु)।

4. संयुक्त निदेशक उच्चतर शिक्षा,शिक्षा निदेशालय,हि.प्र. शिमला(उचित कार्रवाई हेतु)।

*विजेंद्र मेहरा*
*संयोजक*
*छात्र अभिभावक मंच*

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