शिमला के होटल और रेस्तरां में काम करने वाले 1600 मजदूरों को नही मिला है मार्च और अप्रैल माह का वेतन- विनोद विरसांटा
आज का प्रैस नोट
आज दिनांक 24 मई 2020 को हिमाचल होटल मजदूर लाल झण्डा यूनियन संबंधित सीटू ने प्रैस ब्यान जारी किया युनियन के महासचिव विनोद विरसान्टा ने कहा कि 24 मार्च 2020 को देश ओर प्रदेश मे प्रथम लॉकडाउन कोरोना वायरस महामारी के कारण घोषित किया गया इस दौरान केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार द्वारा बडे पुजीपतियो कुछु राहत भी दि हर किसी को छोटी मोटी राहत दि गई लेकिन प्रदेश में हजारों कि संख्या में 24 मार्च 2020 को होटल मालिकों ने मजदूरों को घर भेज दिया लेकिन जिस मजदूर ने पूरी जिदंगी अपनी सेवाएं होटल व रेस्टोरेंट मे
लगा दी लेकिन आज भी मालिकों ने मजदूरों को मार्च ओर अप्रैल 2020 के वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। जो कि वेतन भुगतान अधिनियम 1936 का कानूनी अपराध है विनोद विरसान्टा ने कहा कि अकेले अगर शिमला कि बात कि जाऐं तो 1600 मजदूर है जिसकी सुची युनियन ने श्रम आयुक्त को दि है ओर प्रदेश सरकार को लिखित मांग पत्र दिया गया है लेकिन प्रदेश सरकार ने मजदूरों के लिए कोई भी अर्थिक पैकेज के रूप में मदद नहीं कि हैं उलटा फैक्ट्री एक्ट कॉन्ट्रैक्ट लेबर एक्ट ईडस्टियल डिस्टबुट एक्ट मे बदलाव व 8 घंटे की डियूटी को 12 घंटे निर्णय मजदूरों के अधिकारों पर कठोर प्रहार किया है । युनियन मांग करती हैं प्रदेश सरकार द्वारा श्रम कानूनों में किऐ गये बदलाव को वापस लिया जाए । वह युनियन होटल व रेस्तरां प्रबंधन से अनुरोध करती हैं कि मजदूरों को मार्च ओर अप्रैल 2020 के वेतन का भुगतान करें । वह प्रदेश सरकार व श्रम विभाग से आग्रह करती हैं कि होटल व रेस्तरां प्रबंधन को कडे आदेश जारी करें मजदूरों के वेतन को लेकर अन्यथा मजदूरों के पास आंदोलन के सिवा और कोई रास्ता नहीं है बचा है
विनोद विरसान्टा
महासचिव
हिमाचल होटल मजदूर लाल झण्डा युनियन
संबंधित सीटू
98052
14911
बालक राम
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