महिला आरक्षण बिल संसद में पास करो, जनवादी महिला समिति का उपायुक्त कार्यालय शिमला के बाहर प्रदर्शन
प्रेस नोट
अखिल भारतीय जनबादी महिला समिति ने आज राष्ट्रीय अबहान पर शिमला में 33 प्रतिशत आरक्षण बिल को लेकर प्रदर्शन किया । जैसा की 26 सितम्बर 1996 को संसद के पटल पर इस बिल को पेश किया गया था।
देश और प्रदेश में महिलाओ के सगठनों के संघर्षों के द्वारा इसे यू पी ए की सरकार के चलते सी पी आई एम की सांसद बृंदा करात ने 2010 में राज्य सभा मे पेश किया था और इसे राज्यसभा द्वारा पारित किया गया। जब इस बिल को लोकसभा में पेश किया गया जहाँ पर राजनीतिक दलों की सहमति न बनने के कारण इस बिल को ठन्डे बस्ते में डाल दिया गया
जब भी देश और प्रदेश में चुनाब होता है तो सत्ताधारी पार्टिया महिलाओ को लुभाने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपनाती है । लेकिन आज जिस स्थान पर नीति बनाई जाती है तो बात आती है देश की ससंद और विधानसभा में महिलाओ की संख्या नगण्य है।
आज हमारे प्रदेश ने मात्र 5 महिलाये ही जीतकर आई है जो कि 7 प्रतिशत है जबकि देश की संसद में मात्र 10 प्रतिशत महिलाये ही आज प्रतिनिधित्व कर रही है।
देश की महिलाओ ने और महिला सगठनों ने इस बिल को संसद में पारित करने के लिये कई तरह के संघर्ष किये है। आज जब देश मे भाजपा की सरकार पूर्णबहुमत में है तो इस सरकार को यह बिल अभी शीतकालीन सत्र में पास करना चाहिए। क्योंकि यह महिलाओ का राजनीतीक अधिकार है इसे तुरंत पारित करना चाहिए।
आज महिला समिति ने इस बिल की 25 बी बर्षगाँठ पर सरकार से मांग की है कि देश की महिलाओ के सम्मान के लिए इस बिल को तुरंत पास किया जाये।इस प्रदर्शन में शिमला में राज्य सचिब फालमा चौहान ,राज्याध्यक्ष रीना सिंह तथा भूतपूर्व राज्य सचिब संतोष कपूर ,हिमधारा संस्था से हिमशीसिह ने अपने विचार रखे और प्रदर्शन में भी भाग लिया ।इसके अतिरिक्त प्रदर्शन में सीमा चौहान, और पूनम ,आशा ,दीपा सहित पार्बती आदि ने भाग लिया।
राज्य प्रधान/सचिब
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