सीटू के अखिल भारतीय आह्वान पर शिमला में मिड-डे मील वर्करों का शिक्षा निदेशालय पर प्रदर्शन

हिमाचल प्रदेश मिड डे मील वर्करज़ यूनियन सम्बन्धित सीटू ने अखिल भारतीय आह्वान के तहत प्रदेशव्यापी प्रदर्शन किए। यूनियन ने प्रदेशभर में जिलाधीशों व शिमला में संयुक्त निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा के माध्यम से भारत के प्रधानमंत्री,मुख्यमंत्री व शिक्षा निदेशक को ज्ञापन प्रेषित किये। यूनियन ने चेताया है कि अगर मांगें पूर्ण न हुईं तो आंदोलन तेज होगा।

          शिमला में शिक्षा निदेशालय के बाहर हुए प्रदर्शन में  सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा,उपाध्यक्ष जगत राम,जिला सचिव बाबू राम,यूनियन की प्रदेश महासचिव हिमी देवी,पुष्पा देवी,कौशल्या देवी,शकुंतला देवी,सुनीता देवी,मदन लाल,हेमलता,जगदीश कुमार,शांति देवी,निर्मला देवी व सुनील कुमार आदि शामिल रहे। इस दौरान यूनियन का एक प्रतिनिधिमंडल संयुक्त निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा से मिला व उन्हें ज्ञापन सौंपा। संयुक्त निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा ने मांगों को पूर्ण करने का आश्वासन दिया। प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने केंद्र सरकार की मिड डे मील विरोधी नीतियों पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मिड डे मील योजना के निजीकरण की साज़िश रच रही है। इसलिए ही साल दर साल इस योजना के बजट में निरन्तर कटौती हो रही है। इस वर्ष भी योजना के बजट में चौदह सौ करोड़ रुपये की कटौती कर दी गयी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2009 के बाद मिड डे मील कर्मियों के वेतन में एक भी रुपये की बढ़ोतरी नहीं की है। उन्हें वर्तमान में केवल 2600 रुपये वेतन मिल रहा है। यह मात्र 85 रुपये दिहाड़ी है जिसमें भारी महंगाई के इस दौर में गुजारा करना असम्भव है। उन्हें बारह महीने के बजाए केवल दस महीने का वेतन दिया जा रहा है। उन्हें छुट्टियां,ईपीएफ,मेडिकल आदि कोई सुविधा नहीं दी जा रही है। उन्हें वेतन तीन से छः महीने के अंतराल में मिलता है। इस तरह उनका भारी शोषण किया जा रहा है।

               यूनियन की प्रदेश महासचिव हिमी देवी ने सरकार से मांग की है कि मिड डे मील कर्मियों को न्यूनतम वेतन नौ हज़ार रुपये दिया जाए। उन्होंने महिला कर्मियों के लिए वेतन सहित छः महीने का प्रसूति अवकाश देने की मांग की है। उन्होंने 45वें व 46वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश अनुसार कर्मियों को नियमित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मिड डे मील वर्करज़ स्कूल में सभी तरह का कार्य करते हैं अतः उन्हें ही मल्टी टास्क वर्कर के रूप में नियुक्त किया जाए। उन्होंने कर्मियों को साल में दो ड्रेस,बीमा योजना लागू करने,रिटायरमेंट पर चार लाख रुपये ग्रेच्युटी देने,दुर्घटना में पचास हज़ार रुपये,मेडिकल सुविधा लागू करने,सभी प्रकार की छुट्टियां,दस महीने की जगह बारह महीने का वेतन देने आदि की मांग की।

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